1. सफर-ए-जिन्दगी मेँ जब कोई, मुश्किल मकाम आया;
ना गैरोँ ने तवज्जो दी, ना अपना कोई काम आया !
2. रिश्तों के दलदल से... कैसे निकलेंगे...
जब हर साज़िश के पीछे... अपने ही निकलेंगे...
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1. सफर-ए-जिन्दगी मेँ जब कोई, मुश्किल मकाम आया;
ना गैरोँ ने तवज्जो दी, ना अपना कोई काम आया !
2. रिश्तों के दलदल से... कैसे निकलेंगे...
जब हर साज़िश के पीछे... अपने ही निकलेंगे...
1.हद पार कर देते हैं जब हम किसी की खातिर..!
वो ही सिखा देते हैं हमें हदों में रहना....
2.मेरे गुनाह मुझे मेरे सामने ही गिनवा दो दोस्तों,
ख़्वाहिश है की जब कफ़न में छुप जाऊँ तो बुरा न कहना !!
किसी को दुःखी देखकर अगर आपको तकलीफ होती है.
तो यकीन मानिए, ईश्वर ने आपको इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की है।
मुख़्तसर सा गुरूर भी ज़रूरी
है ,जीने के लिये !
ज्यादा झुक के मिलो
तो दुनिया पीठ को पायदान
बना लेती है !!
" दुनिया में सब से ज्यादा वजनदार,
खाली जेब होती है साहेब,
चलना मुश्किल हो जाता है.."
हर रात सो जाता हु गम की चादर ओढ़ कर ......
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क्या मोहब्बत इतना बड़ा गुनाह है ... सजा कम नहीं होती ...!!
रोता वही है जिसने महसूस किया हो सच्चे रिश्ते को...
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वरना मतलब के रिश्तें रखने वाले को तो कोई भी नही रूला सकता....!!!
जीवन" में "तकलीफ़" उसी को आती है, जो हमेशा "जवाबदारी" उठाने को तैयार रहते है,
और जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नही, या तो "जीतते" है, या फिर "सिखते" है.
" हिम्मत से हारना,
*पर*
हिम्मत मत हारना "
ज़ुबान कड़वी सही मेरी मगर,
दिल साफ़ रखता हूं i
कब कौन कैसे बदलेगा सबका हिसाब रखता हूं.!!
जिंदगी भी कितनी अजीब है.. मुस्कुराओ तो लोग जलते है...
तन्हा रहो तो सवाल करते है...!!
लुट लेते है अपने ही वरना,
गैरों को कहां पता इस दील की दीवार कहां से कमजोर है.
नफरत के बाज़ार में जीने का अलग ही मज़ा है ,
लोग रुलाना नहीं छोड़ते हम हसना नहीं छोड़ते।
ज़िन्दगी गुज़र जाती है ये ढूँढने में कि.....ढूंढना क्या है..!!
अंत में तलाश सिमट जाती है इस सुकून में कि... जो मिला.. वो भी कहाँ साथ लेकर जाना है .. !!...
फुर्सत निकालकर आओ कभी मेरी महफ़िल में,
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में..ii
मेरी आवाज को महफूज कर लो..... मेरे दोस्तों....
मेरे बाद बहुत सन्नाटा होगा..... तुम्हारी महफ़िल में.
न जाने क्यूँ बहुत उदास है दिल आज....
लगता है की किसीका पक्का इरादा है हमें भूल जाने का..
तेरी एक झलक पाने को,
तरस जाता है दिल मेरा,
खुश किस्मत हैं वो लोग,
जो तुझे हर रोज देखते है...
सुख दुख़ निभाना तो कोई
फूलों से सीखे साहब....!!
बारात हो या जनाज़ा..
साथ ज़रूर देते हैं......!!
किसी ने क्या खूब लिखा है
"वक़्त निकालकर"
मिल लिया करो अपनों से,
अगर अपने ही न रहेंगे...
"तो वक़्त का क्या करोगे"
आज वो कहने लगी की कभी कभी
उपवास भी कर लिया करो ,,,?
कोन समझाये उस पगली को में
उपवास नहीं भूख हड़ताल करता हु ,,,||
1. जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुएं पर तमाशा कैसा और राख पे बहस कैसी॥
2. जो लिबासो को बदलने का शौक़ रखते थे कभी
आख़री वक़्त कह न पाए कि ये कफ़न ठीक नही
3. माना की मरने वालो को भुला देते है सभी मगर
मुझे ज़िंदा भूल कर उसने कमाल कर दिया
1. गंगा का पानी छिड़क दो मेरे __"ख़त"__ पर।
भटकती हुई रूह है उसमें मेरे अल्फ़ाज़ों की।।
2. कलम मेरी कभी-कभी गजब करती है
चुपके से मेरे हर जख्म में दर्द भरती है |
1. कुछ फासले ऐसे भी होते हैं ....
जनाब.....
जो तय तो नहीं होते;
मगर .....
नजदीकियां कमाल की रखते हैं ....
2. मोहब्बत करने वालों को वक़्त कहाँ,...जो गम लिखेंगे....!!
ए दोस्तों कलम इधर लाओ...इनके बारे में हम लिखेंगे....!!
3. छुपे छुपे से रहते हैं, सरेआम नहीं हुआ करते,
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं, उनके नाम नहीं हुआ करते..
4. तुम पूछो और हम बताए,एसे तो हालत नही
एक जरा सा दिल टूटा है,और तो कोई बात नहीं
5. दर्द-ए-दिल खुल के आज सुना दूँ सबको,
जी चाहता है कुछ ऐसा लिखूँ के रुला दूँ सबको
ये जरूरी नही कि हर अलफाज मेरे जीवन से जुड़ा हो...
कभी कभी दुसरो को तकलीफ मे देखकर भी लिख देता हूं।
गुज़र जाते हैं .....खूबसूरत लम्हें ....यूं ही मुसाफिरों की तरह....
यादें वहीं खडी रह जाती हैं .....रूके रास्तों की तरह....
1. मैं खुश हूँ कि कोई मेरी बात तो करता है
बुरा कहता है तो क्या हुआ वो याद तो करता है
2. हाथों की लकीरों में तुम हो.. या ना हो.....
जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे.....
3. तेरा और मेरा इतना ही किस्सा है,
तू मेरे दर्द का एक अहम हिस्सा है !!...
4. पता है हार जाऊँगा इश्क-ऐ शतरंज में...फिर भी..
हर चाल ऐसे चलता हूँ कि अपनी रानी से दूर ना रहूँ..
5. दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है,
अपने ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है !........
6. आज फिर बेशुमार हँसी लुटा रहा था..
तन्हा था वो अपनी उदासी छुपा रहा था..
7. खुदा करे जिदगी मे हो मकाम आये,
तुझे भूलने कि दुआ करु पर...
दुआ मे तेरा नाम आये।
8. तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।
9. तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते
10. हुए जिसपे मेहरबां तुम. कोई खुशनसीब होगा,
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर
1. लगाई तो थी "आग" उनकी तस्वीर में रात को...!!!
सुबह देखा तो,, मेरा दिल छालो से भर गया...!!!
2. चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह...!!!
मगर ख़ामोश रहता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह...
3. बाहो में चाहे कोई भी आये,
महसूस वही होगा जो रूह में समाया होगा...
4. आईना ही देखता था उसको,
आईना कहाँ वो देखती थी....
1. कहते है कब्र में सुकून की नींद होती है,
अजीब बात है की यह बात भी जिन्दा लोगो ने कही !!
2. किसी को पुरखों की ज़मीने बेचकर भी चैन नहीं,
और कोई गुब्बारे बेचकर ही सो गया सुकुन से !!
3. गरीबी थी जो सबको एक आंचल में सुला देती थी,
अब अमीरी आ गई तो सबको अलग मक़ान चाहिए !!
4. बदन के घाव दिखाकर जो अपना पेट भरता है,
सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है !!
Paani k bahaw ko
tum baad samjh bethe....2
Ham to shayar the janab aap kalakaar samjh bethe
कुछ फासले ऐसे भी होते हैं ....
जनाब.....
जो तय तो नहीं होते
मगर .....
नजदीकियां कमाल की रखते हैं .....
1. हम बेखबर थे तेरी आँखों से...
जो तेरे ही शहर में मयख़ाना तलाशते रहे...
2. दामन पे मेरे, सैकड़ों पैबंद हैं ज़रूर;
लेकिन खुदा का शुक्र है,धब्बा कोई नहीं!
3. मज़े दोनो बराबर ले रहे है...
कभी मैं जिंदगी के, कभी जिंदगी मेरे..
किसी की यादों में
नही लिखता हूँ, हाँ,
लिखता हूँ तो किसी की याद जरूर आती है
मौका संक्रांति का था..
ओर जिक्र तिल का चला..
जो गुड़ पे लगा वो गजक हो गया..
और जो गाल पर लगा तो गजब हो गया।
Thoda Intezar to kar lete....
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Mere Din kharab thay .....Dil Nahi .........
Raat Bhar Jaagta Hu Ek Aisi Tasveer Ke Khatir
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Jisko Din Ke Ujale Me Bhi Meri Yaad Nhi Aati..
उसकी धाक सैकड़ों पे थी , गिनती भी उसकी शहर के बड़े-बड़ों में थी..
दफन…वो केवल छ: फिट के गड्ढे में हुआ , जबकि जमीन उसके नाम तो कई एकड़ों में थी !
Paani k bahaw ko ham baad samjh bethe....2
Ham to shayar the janab aap kalakaar samjh bethe.
1. कैसे भूलेगी वो मेरी बरसों की चाहत को,
दरिया अगर सूख भी जाये
तो रेत से नमी नहीं जाती ..
2. जब मिली होगी उसे मेरी हालत की खबर,
उसने आहिस्ता से दिवार को जरूर थामा होगा..
1. घुटन सी होने लगी है इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ तुम्हे मनाते हुए..
2. ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ ,
काश तुझ को भी इक झलक देखूँ ..
Kuch is tarha chhod diya unhone hamse guft gu karna,
jese samundar ki lahre kinaare ko chuke gujar jati h
1.आईना ही देखता था उसको,
आईना कहाँ वो देखती थी....
2.बाहो में चाहे कोई भी आये,
महसूस वही होगा जो रूह में समाया होगा...
3.मंज़िलें ख़्वाब बन के रह जायें ,
इतना बिस्तर से प्यार मत करना ,,
Aaj wo is mukam pe pahuch gai h shayad,
Ki hamse bat krna b unhe munasif nhi lagata,
hamne kya gunha krdiya unki tarakki ki duaa mang kr.
1. ए रात तुम तो मोहब्बत के आगोश में सो जाया करो,
हमारी तो आदत है चाँद की रखवाली करना..
2. एक ठहरा हुआ खयाल तेरा,
न जाने कीतने लम्हों को रफ्तार देता है..
3. कमी तेरी....आज फिर मुझको खटक गयी,
ज़िन्दगी....आज फिर से काश पे अटक गयी..
4. कहती है मुझसे की तेरे साथ रहूँगी सदा,
बहुत प्यार करती है, मुझसे तन्हाई मेरी..
5. कुछ इस अदा से तोड़े है ताल्लुक उसने,
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ कसूर अपना..
अनदेखे धागों में यूं बाँध गया कोई,
Gor farmaiyega hujoor.....
अनदेखे धागों में यूं बाँध गया कोई,
की वो साथ भी नहीं और हम आज़ाद भी नहीं..
लगाई तो थी "आग" उनकी तस्वीर में रात को...!
सुबह देखा तो,, मेरा दिल छालो से भर गया...!!!
ज़मीर बोलता है, ऐतबार बोलता है,
मेरी ज़ुबान से परवरदिगार बोलता है..
मैं "मन की बात" बहुत "मन" लगा के सुनता हूँ,
ये तू नहीं है, तेरा इश्तेहार बोलता है..
कुछ और काम तो जैसे उसे आता ही नही.. लेकिन,
वो "झूठ" बहुत शानदार बोलता है..
तेरी ज़ुबान कतरना बहुत ज़रूरी है,
तुझे ये मर्ज़ है कि, तू बार बार बोलता है.. !!!
1.तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते
2.हुए जिसपे मेहरबां तुम. कोई खुशनसीब होगा,
मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
मुझे उसकी ये नादान अदा खूब भाती हैं,
नाराज़ मुझसे होती हैं,
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और गुस्सा सबको दिखाती हैं
01."दुआ" मांग लिया कर तू "दवा" से पहले...!!
"कोई" नहीं देता "शिफ़ा" "ख़ुदा" से पहले...!!
02."टिमटिमाते" रहते है तेरे "ख्याल" मेरी "आँखों" में...!!
कुछ यूँ ही मेरी "रातें" बसर होती है तेरी "यादों" में...!!
03."रंगीन" वादों से लिपटा हुआ "ख्याल" ले आना...!!
ऐ शाम...अब की मेरा "बिछड़ा" हुआ "यार" ले आना...!!
04.तेरी "पाकीज़ा" निगाहों में "फ़ितूर" आ जाएगा...!!
"आईना" मत देखा कर तुझे भी "ग़ुरूर" आ जाएगा...!!
05.बारिश की बूंदों में झलकती है तस्वीर उनकी,..!!
आज फिर भीग बैठा उन्हे पाने की चाहत में..!!
06.हमें भी याद रखे जब लिखे तारीख गुलशन की..!!!
कि हमने भी लूंटाया है चमन में आशियाँ अपना..!!!
07.शीशे के घरों में देखो तो पत्थर दिल वाले बसते हैं,...!!
जो प्यार को खेल समझते हैं और तोड़ के दिल को हँसते हैं..!!
1.पत्थर की मूरत को लगते हैं छप्पन भोग,
दो रोटी के वास्ते मर जाते हैं लोग…
2.नींद तो अब भी बहुत आती है मगर…समझा-बुझा के मुझे उठा देती हैं जिम्मेदारियां..!!
3.बड़ी जल्दी सीख लेता हूँ जिंदगी का सबक ,
गरीब बच्चा हूँ बात-बात पे जिद नहीं करता !!
4.नाराजगियों को कुछ दैर चुप रह कर मिटा लिया करो…
गलतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं….
5.क्रोध हवा का वह झोंका है,जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।
गिरे बुज़ुर्ग को उठाने भरे बाजार में कोई नहीं आया,
Or
गोरी का रुमाल क्या गिरा पूरा बाजार दौड़ आया…
बना लो उसे अपना,
जो दिल से तुम्हे चाहता है,,
खुदा की कसम,
ये चाहने वाले बडी मुश्किल से मिलते है...
लोगो ने कुछ दिया,
तो सुनाया भी बहुत कुछ.
ऐ खुदा, एक तेरा ही दर है,
जहा कभी “ताना” नहीं मिला!
ये जो मेरे हालात हैं .
एक दिन सुधर जायेंगे ,
मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंग
डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढता गया रास्ता देखकर,
खुद बा खुद मेरे नजदीक आती गयी ,
मेरी मंजिल, मेरा होसला देखकर।।
जिंदगी भर " सुख " कमाकर दरवाज़े से घर में लाने की कोशिश करते रहे
पता ही ना चला कि कब खिड़कियों से " उम्र " निकल गई
1. मैं दुनिया के जलने का इंतजाम कर आया,
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तू ही इश्क मेरा, ये खुले आम कह आया !!❤
2. नहीं जानता क्या है रिश्ता तुझसे मेरा
"मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की बाँधता हूँ मैं....❤
Hawa Ki Mojo Mein Gazab Ki Nazakat Hai..
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Zarur Usne Aaj Mujhe Dil Se Yaad Kiya Hai.....
Mere Haatho Se Mehek Aati Rahi Din Bhar..
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Jab Bhi Khwaab Mein Tere Baal Sawaarei'n Mene..
1.वो मुझे देख कर ख़मोश रहा
और इक शोर मच गया मुझ में.
2.काश,तेरे बालों का मैं क्लचर बन जाऊँ
ना रहूँ तो तू उलझी-उलझी सी नज़र आए। ❤
कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नहीं हैं….
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Tu naraz na rha kr
tujhe wasta h khuda ka
Ek tera hi chehra dekhkr to ham apna gam bhulate h
आ गया है .....2
दुआओ की क़बूलियत का महीना.
ए जान देखूंगा
तुम्हे परवरदिगार से मांग के....
Aaj na jane kyo esa lga mujhe
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Aaj na jane kyo esa lga mujhe
K dil se dua ki h usne mere liye
मत कर इतना प्यार पगले,,
किसी से दिल जब तेरा टूटेगा
तो मोहब्बत एक से हुई है और नफरत,,
सारी दुनिया से कर बैठेगा.
इतनी लम्बी उम्र की दुआ मत
मांगना मेरे लिए...
कहीं ऐसा न हो कि तुझसे भी
बिछड जाउँ और मौत भी न
आये
हम उनको मनाने जायेंगे,
उनकी उम्मीद ग़ज़ब की है
वे खुद चलकर आयेंगे,
हमारी भी जिद्द ग़ज़ब की
है
बेशक तू बदल ले अपनी मौहब्बत लेकिन ये याद
रखना,
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तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ
सकता!!
Fursat mile to mujhe samjhna jarur ...
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Me tumhari mushkilo ka mukammal ilaaj hu...
आज किसी की दुआ की कमी है,
तभी तो हमारी आँखों में नमी है,
कोई तो है जो भूल गया हमें,
पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है.
उस अजनबी का यूँ न इंतज़ार करो,
इस आशिक दिल का न ऐतबार करो,
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू,
इतना न कभी किसी से प्यार करो.
मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी,
मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा,
आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है,
तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा.
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहे.
आज गुमनाम ही सही पर शायद,
एक दिन हमारा भी एक नाम होगा,
इसी उम्मीद में रोज ये जिंदगी जीते है,
चल ना यार आज थोड़ी थोड़ी पीते है ..
शमशान के बाहर लिखा था
मंजिल तो तेरी यही थी,
बस जिन्दगी गुजर गई आते आते.
क्या मिला तुझे इस दुनिया को सता के,
अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते !!
कौन कहता हैँ...
दर्द के लिये सिर्फ महोब्बत जिम्मेदार होती हैँ...
कम्बख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती है
अगर दिल से हो जाये तों.....
हर रिश्ते को अजमाया है हमने,
कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने,
हर उस शख्स ने रुलाया है,
जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है.
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे.
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है,
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
लोग अपना बना के छोड़ देते हैं,
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं,
हम तो एक फूल ना तोड़ सके,
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं.
जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वो हम ही से बेगाने हो गए,
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की,
क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए.
अगर वो मांगते हम जान भी दे देते,
मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे,
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी,
मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे.
आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है,
उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है,
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे,
मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है.
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली.
ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है.
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं.
बेदर्द दुनिया में अभी जीना सीख रहा हूँ,
अभी तो मैं दुखों के जाम पीना सीख रहा हूँ,
कोशिश करूंगा तुम्हे मैं भी भुलाने की,
अभी तो मैं तेरे झूठे वादों को भुलाना सीख रहा हूँ.
Fursat mile to mujhe samjhna jarur ...
Me tumhari mushkilo ka mukammal ilaaj hu...
बेशक तू बदल ले अपनी मौहब्बत लेकिन ये याद
रखना,
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ
सकता.
हम उनको मनाने जायेंगे,
उनकी उम्मीद ग़ज़ब की है
वे खुद चलकर आयेंगे,
हमारी भी जिद्द ग़ज़ब की
है
इतनी लम्बी उम्र की दुआ मत
मांगना मेरे लिए...
कहीं ऐसा न हो कि तुझसे भी
बिछड जाउँ और मौत भी न
आये
मत कर इतना प्यार पगले,,
किसी से दिल जब तेरा टूटेगा
तो मोहब्बत एक से हुई है और नफरत,,
सारी दुनिया से कर बैठेगा.
खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ, लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह करता हूँ.. मालूम है कोई मोल नहीं मेरा, फिर भी, कुछ अनमोल लोगो से दोस्ती रखता हूँ।
आना हमारा किसी को गवारा ना हुआ;
हर मुसाफिर ज़िंदगी का सहारा ना हुआ;
मिलते हैं बहुत लोग इस तन्हा ज़िंदगी में;
पर हर दोस्त आप सा प्यारा ना हुआ।
Meri MOHABBAT Ki Na Sahi Mere Salike Ki To Daad De,,,,,,
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Tera Zikar Roz Karte He Tera Naam Lene Se Pahle,,,,,,
आ गया है दुआओ की क़बूलियत का महीना ए जान
देखूंगा तुम्हे परवरदिगार से मांग के....
कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नहीं हैं….
Ijazat ho to lifafe me rakhkr kuch waqt bhejdu
Suna h kuch logo ko furst nhi h
Apno ko yad krne ki
Itni shiddat se mujhe yad na kiya kro
Mujhe sajade me hichkiya chalti hai
Sirf gulab dene se agar mahobbat ho jati
To maali sare shahar ka mahbub ho jata ......
Baag me tahalte ek din jb vo benakaab ho gaye...
Jitne ped the babul k sab k sab gulab ho gaye.....
Chha jati h chuppi , gar gunah apne ho...
Baat duje ki ho to shor bahut hota h.....
Ab hichkiyaan aati h to pani pi liya krte h .....
Ye vaham chhod kiya k koi yaad krta h.....
Kisi gazal sa lgta h naam tumhara.....
Dekho tumhw yad krte krte hm shayar bn gye....
Purani hokr bhi khas hoti ja rhi h.....
Mohabbat besharam h , behisab hoti ja rhi h.....