Saturday, 4 February 2017

हाथों की लकीरों में तुम हो..shayari

1. मैं खुश हूँ कि कोई मेरी बात तो करता है

बुरा कहता है तो क्या हुआ वो याद तो करता है

2. हाथों की लकीरों में तुम हो.. या ना हो.....

जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे.....

3. तेरा और मेरा इतना ही किस्सा है,

तू मेरे दर्द का एक अहम हिस्सा है !!...

4. पता है हार जाऊँगा इश्क-ऐ शतरंज में...फिर भी..

हर चाल ऐसे चलता हूँ कि अपनी रानी से दूर ना रहूँ..

5. दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है,

अपने ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है !........

6. आज फिर बेशुमार हँसी लुटा रहा था..

तन्हा था वो अपनी उदासी छुपा रहा था..

7. खुदा करे जिदगी मे हो मकाम आये,

तुझे भूलने कि दुआ करु पर...
दुआ मे तेरा नाम आये।

8. तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,

बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।

9. तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,

हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते

10. हुए जिसपे मेहरबां तुम. कोई खुशनसीब होगा,

मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर

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