Saturday, 21 January 2017

मज़े दोनो बराबर ले रहे है...shayari

1. हम बेखबर थे तेरी आँखों से...

    जो तेरे ही शहर में मयख़ाना तलाशते रहे...

2. दामन पे मेरे, सैकड़ों पैबंद हैं ज़रूर;

    लेकिन खुदा का शुक्र है,धब्बा कोई नहीं!

3. मज़े दोनो बराबर ले रहे है...

    कभी मैं जिंदगी के, कभी जिंदगी मेरे..

     

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