04.तेरी "पाकीज़ा" निगाहों में "फ़ितूर" आ जाएगा...!!
"आईना" मत देखा कर तुझे भी "ग़ुरूर" आ जाएगा...!!
05.बारिश की बूंदों में झलकती है तस्वीर उनकी,..!!
आज फिर भीग बैठा उन्हे पाने की चाहत में..!!
06.हमें भी याद रखे जब लिखे तारीख गुलशन की..!!!
कि हमने भी लूंटाया है चमन में आशियाँ अपना..!!!
07.शीशे के घरों में देखो तो पत्थर दिल वाले बसते हैं,...!!
जो प्यार को खेल समझते हैं और तोड़ के दिल को हँसते हैं..!!
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