Friday, 13 January 2017

ख़्वाब‬ ही ख़्वाब shayari

1. घुटन सी होने लगी है इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ तुम्हे मनाते हुए..

2. ख़्वाब‬ ही ख़्वाब कब ‪तलक‬ देखूँ ,
काश ‪तुझ‬ को भी इक ‎झलक‬ देखूँ ..

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