Saturday, 25 February 2017

हमें भूल जाने का..shayari

न जाने क्यूँ बहुत उदास है दिल आज....

लगता है की किसीका पक्का इरादा है हमें भूल जाने का..

तेरी एक झलक पाने को...shayari

तेरी एक झलक पाने को,
तरस जाता है दिल मेरा,

खुश किस्मत हैं वो लोग,
जो तुझे हर रोज देखते है...

Monday, 20 February 2017

सुख दुख़ निभाना तो कोई...shayari

सुख दुख़ निभाना तो कोई
फूलों से सीखे साहब....!!

बारात हो या जनाज़ा..
साथ ज़रूर देते हैं......!!

Sunday, 19 February 2017

किसी ने क्या खूब लिखा है....shayari

किसी ने क्या खूब लिखा है
"वक़्त निकालकर"
मिल लिया करो अपनों से,

अगर अपने ही न रहेंगे...
"तो वक़्त का क्या करोगे"

आज वो कहने लगी...shayari

आज वो कहने लगी की कभी कभी 
उपवास भी कर लिया करो  ,,,?

कोन समझाये उस पगली को में
उपवास नहीं भूख हड़ताल करता हु ,,,||

लिबासो को बदलने का शौक....shayari

1. जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुएं पर तमाशा कैसा और राख पे बहस कैसी॥

2. जो लिबासो को बदलने का शौक़ रखते थे कभी
आख़री वक़्त कह न पाए कि ये कफ़न ठीक नही

3. माना की मरने वालो को भुला देते है सभी मगर
मुझे ज़िंदा भूल कर उसने कमाल कर दिया

Wednesday, 15 February 2017

गंगा का पानी छिड़क दो

1. गंगा का पानी छिड़क दो मेरे __"ख़त"__ पर।

भटकती हुई रूह है उसमें मेरे अल्फ़ाज़ों की।।

2. कलम मेरी कभी-कभी गजब करती है

चुपके से मेरे हर जख्म में दर्द भरती है |

Saturday, 11 February 2017

कुछ फासले ऐसे भी होते हैं ..shayari

1. कुछ फासले  ऐसे भी होते हैं ....
    जनाब.....
जो तय तो नहीं होते;
     मगर .....
नजदीकियां कमाल की रखते हैं ....

2. मोहब्बत करने वालों को वक़्त कहाँ,...जो गम लिखेंगे....!!

ए दोस्तों कलम इधर लाओ...इनके बारे में हम लिखेंगे....!!

3. छुपे छुपे से रहते हैं, सरेआम नहीं हुआ करते,
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं, उनके नाम नहीं हुआ करते..

4. तुम पूछो और हम बताए,एसे तो हालत नही
एक जरा सा दिल टूटा है,और तो कोई बात नहीं

5. दर्द-ए-दिल खुल के आज सुना दूँ सबको,

जी चाहता है कुछ ऐसा लिखूँ के रुला दूँ सबको

Wednesday, 8 February 2017

अलफाज मेरे जीवन से......

ये जरूरी नही कि हर अलफाज मेरे जीवन से जुड़ा हो...

कभी कभी दुसरो को तकलीफ मे देखकर भी लिख देता हूं।

Monday, 6 February 2017

खूबसूरत लम्हें ....

गुज़र जाते हैं .....खूबसूरत लम्हें ....यूं ही मुसाफिरों की तरह....

यादें वहीं खडी रह जाती हैं .....रूके रास्तों की तरह....

Saturday, 4 February 2017

हाथों की लकीरों में तुम हो..shayari

1. मैं खुश हूँ कि कोई मेरी बात तो करता है

बुरा कहता है तो क्या हुआ वो याद तो करता है

2. हाथों की लकीरों में तुम हो.. या ना हो.....

जिदंगी भर दिल में जरूर रहोगे.....

3. तेरा और मेरा इतना ही किस्सा है,

तू मेरे दर्द का एक अहम हिस्सा है !!...

4. पता है हार जाऊँगा इश्क-ऐ शतरंज में...फिर भी..

हर चाल ऐसे चलता हूँ कि अपनी रानी से दूर ना रहूँ..

5. दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है,

अपने ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है !........

6. आज फिर बेशुमार हँसी लुटा रहा था..

तन्हा था वो अपनी उदासी छुपा रहा था..

7. खुदा करे जिदगी मे हो मकाम आये,

तुझे भूलने कि दुआ करु पर...
दुआ मे तेरा नाम आये।

8. तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,

बेवफा मैंने तुझ को भुलाया नहीं अभी।

9. तुम लौट के आने का तकल्लुफ़ मत करना,

हम एक मोहब्बत को दोबारा नहीं करते

10. हुए जिसपे मेहरबां तुम. कोई खुशनसीब होगा,

मेरी हसरतें तो निकलीं मेरे आंसुओं में ढलकर

मेरा दिल छालो से भर गया...shayari

1. लगाई तो थी "आग" उनकी तस्वीर में रात को...!!!

सुबह देखा तो,, मेरा दिल छालो से भर गया...!!!

2. चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह...!!!
मगर ख़ामोश रहता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह...

3. बाहो में चाहे कोई भी आये,

महसूस वही होगा जो रूह में समाया होगा...

4. आईना ही देखता था उसको,

आईना कहाँ वो देखती थी....