Monday, 26 December 2016

ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं shayari.....

ख्वाहिशों से नहीं गिरते हैं फूल झोली में,
कर्म की शाख को हिलाना होगा।
कुछ नहीं होगा कोसने से अँधेरे को,
अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा।

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